जो धन पास दूसरे के पास हमारा, पुस्तक तक सीमित ज्ञान महान। जो धन पास दूसरे के पास हमारा, पुस्तक तक सीमित ज्ञान महान।
प्रमाणित हुआ जब साक्ष्य ..समाज हुआ तब तब निःशब्द.. प्रमाणित हुआ जब साक्ष्य ..समाज हुआ तब तब निःशब्द..
घर में घर में
मध्यांतर में मध्यांतर में
शीशे में शीशे में
क्या रिश्ता उससे मेरा है क्यूँ याद आती हर पल उसकी थम जाता दिल मेरा हैहर बातों में याद उसकी सुख दुःख ... क्या रिश्ता उससे मेरा है क्यूँ याद आती हर पल उसकी थम जाता दिल मेरा हैहर बातों मे...